Intezaar Shayari
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जो तेरे साथ रहते हुए सोगवार हो।लानत हो ऐसे शख़्स पे और बेशुमार हो।
अब इतनी देर भी ना लगा, ये हो ना कहीं तू आ चुका हो और तेरा इंतज़ार हो।
मै फूल हूँ तो फिर तेरे बालो में क्यों नही हूँ तू तीर है तो मेरे कलेजे के पार हो।
एक आस्तीन चढ़ाने की आदत को छोड़ कर हाफ़ी तुम आदमी तो बहुत शानदार हो।
वो आ रहे हैं, वो आते हैं, आ रहे हों शब-ए-फ़िराक़ ये कह कर गुज़ार दी हम ने।
कदर नही होती जब मिल जाता है सब आसानी से, बहुत जरूरी है जिंदगी में इंतजार होना।
कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी।
ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर वो इंतिज़ार था जिस का ये वो सहर तो नहीं।
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता, अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता।
सब इंतजार में थे कब कोई ज़बान खुले फिर उसके होंठ खुले और सबके कान खुले।
Top 50 Intezaar Shayari
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़ किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे।
अब जो पत्थर है आदमी था कभी इस को कहते हैं इंतिज़ार मियाँ।
इक रात वो गया था जहाँ बात रोक के अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के।
कहीं वो आ के मिटा दें न इंतिज़ार का लुत्फ़ कहीं क़ुबूल न हो जाए इल्तिजा मेरी।
लौट कर नहीं आता कब्र से कोई लेकिन प्यार करने वालों को इंतज़ार रहता है।
हो चाहें जितना हसीं ख्वाब याद रहता नहीं जब आंख दर्जनों लोगों के दरमियान खुले।
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से मैं।
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।
गया वह शख्स तो नजरें उठाई लोगों ने हवा चली तो जहाजों के बाजबान खुले।
शब-ए-इंतिज़ार की कश्मकश में न पूछ कैसे सहर हुई कभी इक चराग़ जला दिया कभी इक चराग़ बुझा दिया।
Best 50 Intezaar Shayari
कहीं चाँद राहों में खो गया कहीं चाँदनी भी भटक गई मैं चराग़ वो भी बुझा हुआ मेरी रात कैसे चमक गई।
कोई इशारा दिलासा न कोई वादा मगर जब आई शाम तेरा इंतिज़ार करने लगे।
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौबहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले।
बहुत सा लेंगे किराया जरा सी देंगे जगह यहां के लोगों के दिल तंग है मकान खुले।
जलवे तुझे दिखाएँगे बस इंतिज़ार कर हम कौन हैं बताएँगे बस इंतिज़ार कर।
रंग रंग तेरी मौजूदगी का मोहताज है,तेरे बगैर ये दुनियाँ बेरंग सी लगती है।
पल भर का प्यार और बरसों का इंतज़ार, जैसे कोई अपना ही अपने घर को लूट रहा है।
ख़्वाब सजाकर उसका इंतज़ार करता रहा मैं, इसी तरह एक बेवफ़ा से प्यार करता रहा मैं।
हालात कह रहे है, के अब मुलाक़ात नहीं होगी उम्मीद कह रही हैं ज़रा इन्तेज़ार कर।
जी भर गया है तो बता दो हमें इनकार पसंद है इंतजार नहीं।
Intezaar Shayari in Hindi
ऐसी क्या कशिश है, तेरे दीदार में हर रात जागना पड़ता है, सुबह के इंतजार में।
किसी ने मोहब्बत लिखी तो किसी ने करार लिखा हमने अपने हर एक शेर में बस तेरा इंतजार लिखा।
फिर मुक़द्दर की लकीरों में लिख दिए इंतज़ार, फिर वही रात का आलम और मैं तनहा तनहा।
ग़ज़ब किया तेरे वादे पे ऐतबार किया तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया।
तेरी मोहब्बत पे मेरा हक तो नहीं पर दिल चाहता है आखरी साँस तक तेरा इंतज़ार करू।
रात देर तक तेरी दहलीज़ पर बैठी रहीं आँखें, खुद न आना था तो कोई ख्वाब ही भेज दिया होता।
आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती है, आपकी यादें भी हमे बेकरार करती है, आते जाते यूँ ही हो जाए मुलाकात आपसे, तलाश आपको ये नजर बार बार करती है।
अच्छे वक़्त का इंतजार हम नही करते हम तो बुरे वक़्त को भी अच्छे मे बदलने की औक़ात रखते है।
जी भर के हमको ख़ून के आँसू रूला तू आज कल हम तुझे रुलाएँगे बस इंतिज़ार कर।
मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूँ मगर सफ़र सफ़र है मिरा इंतिज़ार मत करना।
Top Best Intezaar Shayari 2022
थक गए हम करते करते इंतिज़ार इक क़यामत उन का आना हो गया।
कटते किसी तरह से नहीं हाए क्या करूँ दिन हो गए पहाड़ मुझे इंतिज़ार के।
ओ जाने वाले आ के तेरे इंतिज़ार में रस्ते को घर बनाए ज़माने गुज़र गए।
साल पे साल आते गए, कलेंडर बदलते गए, पर इस दिल को देखो, पागल है आज भी तुम्हारा इन्तजार करता है इन्तजार।
दो तरह के आशिक होते हैं, एक हासिल करने वाले और दूसरे इंतज़ार करने वाले।
उसने ना की उम्मीद तो नहीं, फिर भी उसका इंतज़ार किये जा रहे हैं।
आंखों का इंतज़ार तुम पर आकर ही तो खत्म होता है, फिर चाहे वो हकीकत हो या ख्वाब।
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है, खामोशियों की अब आदत हो गयी है।
वो न आयेगा हमें मालूम था, मगर कुछ सोच कर करते रहे इंतज़ार उसका।
फरियाद कर रही है यह तरसी हुई निगाह, देखे हुए किसी को ज़माना गुजर गया।