Love Shayari

Love Shayari

आग सूरज मैँ होती हैँ जलना जमीन को पडता हैँ, मोहब्बत निगाहेँ करती हैँ तडपना दिल को पडता हैँ.


नज़र मुझसे मिलाती हो तो तुम शरमा-सी जाती हो, इसी को प्यार कहते हैं इसी को प्यार कहते हैं, जबाँ ख़ामोश है लेकिन निग़ाहें बात करती हैं, अदाएँ लाख भी रोको अदाएँ बात करती हैं, नज़र नीची किए दाँतों में दुपट्टे को दबाती हो, इसी को प्यार कहते हैं इसी को प्यार कहते है.


गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है, कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम, जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा, ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम.


हमारी किसी बात से खफा मत होना, नादानी से हमारी नाराज़ मत होना, पहली बार चाहा है हमने किसी को इतना, चाह कर भी कभी हमसे दूर मत होना.


उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है, उनसे कह नही पाना हमारी मजबूरी है, वो क्यूँ नही समझते हमारी खामोशी को, क्या प्यार का इज़हार करना जरूरी है.