दिल मेरा अगर रोया न होता, हमने भी आँखों को भिगोया न होता, दो पल की हंसी में छुपा लेता गमो को, ख्वाब को हकीकत में संजोया नहीं होता.
दिल का दर्द एक राज बनकर रह गया, मेरा भरोसा मजाक बनकर रह गया, दिल के सोदागरो से दिललगी कर बैठे, शायद इसीलिए मेरा प्यार इक अल्फाज बनकर रह गया.
मजा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी, इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो ओरो का क्या होगा.
बहुत दिनों बाद तेरी महफ़िल में कदम रखा है, मगर नजरो से सलामी देने का तेरा अंदाज़ नही बदला.
ना तस्वीर है उसकी की दीदार किया जाये, ना पास है वो जो उसे प्यार किया जाये, यह कैसा दर्द दिया है उस बेदर्द ने, ना उससे कुछ खा जाये ना उसके बिन रहा जाये.