नज़रे करम मुझ पर इतना न कर कि तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं, मुझे इतना न पिला इश्क-ए-जाम की मैं इश्क़ के जहर का आदी हो जाऊं.
तेरा नाम ही ये दिल रटता है, ना जाने तुम पे ये दिल क्यू मरता है, नशा है तेरे प्यार का इतना, कि तेरी ही याद में ये दिन कटता है.
किसी उदास मौसम में मेरी आँखों पे वो हाथ रख दे अपना और हस्ती हुई कह दे, पहचान लो तो हम तुम्हारे ना पहचानो तो तुम हुमारे.
मेरा दिल जलाने वाले मेरा दिल जला के रोए, मुझे आजमाने वाले मुझे आजमा के रोए, मेरे सामने से गुजरे मेरा हाल भी ना पूछा, मैं यकीं करूं तो कैसे के वो दूर जा के रोए.