नशा था उनके प्यार का जिसमें हम खो गए, उन्हें भी पता नहीं चला कि कब हम उनके हो गए.
हम जुदा हुए थे फिर मिलने के लिये, ज़िंदगी की राहों में संग चलने के लिये, तेरे प्यार की कशिश दिल में बसी है कुछ ईस क़दर, दुआ है तेरा साथ मिले ज़रा संभलने के लिये.
बिन बात के ही रूठने की आदत है, किसी अपने का साथ पाने की चाहत है, आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ मुझे तो टूटने की आदत है.
हर रात मैं भी आपके पास उजाला हो, हर कोई आपका चाहने वाला हो, वक़्त गुजर जाये उनकी यादो के सहारे हो, ऐसा कोई आप के सपनो को सजाने वाला हो.
तेरे चेहरे में मेरा नूर होगा, फिर तूँ ना कभी मुझसे दूर होगा, सोच क्या ख़ुशी मिलेगी जान उस पल, जिस पल तेरी माँग में मेरे नाम का सिंधूर होगा.