कभी खुशी की आशा कभी गम की निराशा कभी खुशियों की धूप कभी हक़ीक़त की छाया कुछ खोकर कुछ पाने की आशा शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा.
प्यार मे कुछ कुछ होता है, प्यार मे दिल तो पागल है, प्यार मे कभी खुशी कभी गम, प्यार एक ऐसी पहेली है जो ना तुम जानो ना हम.
अपनो को दूर होते देखा, सपनो को चूर होते देखा, अरे लोग कहते हैँ कि फूल कभी रोते नही, हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा.
गुल को गुलाब बना देते, गुलाब को कमल बना देते, जानम तुम हम पर मरते नहीं वरना जोधपुर में भी ताजमहल बना देते.
हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे, बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे, एक पल मे किसी को भुला ना देना, ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे.