Love Shayari

Love Shayari

इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूँ, मिरा इश्क़ बे-मज़ा था तिरी दुश्मनी से पहले.


अज़िय्यत मुसीबत मलामत बलाएँ तिरे इश्क़ में हम ने क्या क्या न देखा.


अतहर तुम ने इश्क़ किया कुछ तुम भी कहो क्या हाल हुआ कोई नया एहसास मिला या सब जैसा अहवाल हुआ.


अक़्ल को तन्क़ीद से फ़ुर्सत नहीं, इश्क़ पर आमाल की बुनियाद रख.


अपने हमराह जो आते हो इधर से पहले दश्त पड़ता है मियाँ इश्क़ में घर से पहले.